Tried #capturing a few #Beautiful #memories of #childhood while #remembering the #innocence and #mischief. #poem #poemsofinstagram #poems #writersofinstagram #writer #बचपन
#nostalgia


याद है मुझे मेरा बचपन
वो मासुमियत, वो भोलापन
याद है मुझे मेरा बचपन।
छोटा सा ख्वाब बसता दिल में,
लम्हें गुज़र जाते थे पल मे,
नन्हीं उंगली से थामे जो चला,
चन्द कदमों में दुनिया से मिला।
याद है मुझे मेरा बचपन
वो मासुमियत, वो भोलापन
याद है मुझे मेरा बचपन।
ख्वाहिश थी मेरी आकाश में उड़ना
दिन भर सखा संग फिर खेलना
छोटी छोटी बातों में अचानक डरना
खिलौनों के लिए ज़िद भी पकडना
याद है मुझे मेरा बचपन
वो मासुमियत, वो भोलापन
याद है मुझे मेरा बचपन।
आंगन मे सारा दिन था गुज़रता
खेल खेल मे शाम भी ढलती
किताबों से मेरी कम थी बनती
भोजन की महक अपनी ओर खींचती
याद है मुझे मेरा बचपन
वो मासुमियत, वो भोलापन
याद है मुझे मेरा बचपन।
नैना पंचोली, 04/03/2021